मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की वर्दी केवल एक कपड़ा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी, वचन और जीवन का अर्थ है। उन्होंने पुलिसकर्मियों के साहस, सेवा भावना और बलिदान को नमन करते हुए कहा कि हर आपदा और संकट में सबसे पहले पुलिसकर्मी ही जनता की सुरक्षा में खड़े नजर आते हैं।
भत्तों में इजाफा और यात्री सुविधा का विस्तार
मुख्यमंत्री ने कांस्टेबल से सहायक उप निरीक्षक तक के वर्दी भत्ते को 7,000 से बढ़ाकर 8,000 रुपये तथा पुलिस निरीक्षक स्तर तक के अधिकारियों के मैस भत्ते को 2,400 से बढ़ाकर 2,700 रुपये करने की घोषणा की। इसके अलावा एक्सप्रेस बसों के साथ अब सेमी डीलक्स बसों में भी पुलिसकर्मी निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे।
आधुनिकीकरण और नए पदों का सृजन
राज्य सरकार ने पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए 200 करोड़ रुपये के पुलिस मॉडर्नाइजेशन एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के गठन की घोषणा की है। इसके तहत 10,000 पदों पर भर्ती की स्वीकृति दी गई है, 5,500 नए पद सृजित हो चुके हैं और 3,500 पदों का प्रस्ताव है।
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए पद्मिनी कालीबाई और अमृतादेवी महिला पुलिस बटालियनों की स्थापना के लिए प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति भी दी गई है। कालिका पेट्रोलिंग टीम के लिए 1,000 नए कांस्टेबल पद सृजित किए गए हैं।
साइबर सुरक्षा को लेकर बड़ी पहल
राज्य सरकार द्वारा 350 करोड़ रुपये की लागत से सरदार पटेल सेंटर फॉर साइबर कंट्रोल एंड वार रूम की स्थापना की जाएगी। पुलिस की तकनीकी दक्षता बढ़ाने के लिए 60 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है। पुलिस दूरसंचार प्रशिक्षण केंद्र को अब राजस्थान पुलिस तकनीकी प्रशिक्षण अकादमी में विकसित किया जाएगा।
सामुदायिक पुलिसिंग और जन संवाद पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस और समाज एक-दूसरे के पूरक हैं। आमजन और पुलिस के बीच नियमित संवाद से अपराध नियंत्रण में सहायता मिलती है। उन्होंने स्कूलों, कॉलेजों और समुदायिक केंद्रों में पुलिस की सक्रिय भागीदारी की बात कही, जिससे युवाओं में पुलिस के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनेगा।
समारोह में पुलिस शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। परेड निरीक्षण के बाद उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुलिस अधिकारियों और कार्मिकों को पुलिस पदक और मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक प्रदान किए गए। इस दौरान पुलिस महानिदेशक यूआर साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लिए गए निर्णयों से न केवल पुलिसबल का मनोबल बढ़ा है बल्कि राज्य में कानून व्यवस्था भी सुदृढ़ हुई हैं।
