अंतरराष्ट्रीय डेस्क (रोज़ाना भारत न्यूज़): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच लगभग 35 मिनट तक टेलीफोन पर गहन बातचीत हुई. यह बातचीत ऐसे समय हुआ जब दोनों नेताओं की G7 शिखर सम्मेलन के दौरान आमने-सामने मुलाकात प्रस्तावित थी, लेकिन ट्रंप के अचानक अमेरिका लौटने की वजह से यह मुलाकात संभव नहीं हो पाई.
हालांकि, दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत नहीं थी. इससे पहले 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन कर प्रधानमंत्री मोदी से शोक संवेदना व्यक्त की थी और आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई में समर्थन जताया था.
अमेरिकी रुकने का न्योता, पीएम मोदी ने जताई असमर्थता
इस बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि वह कनाडा से वापसी में संभव हो सके तो अमेरिका रुकते हुए जाए, लेकिन पहले से तय क्रोएशिया दौरे के चलते पीएम मोदी ने उनका यह न्योता विनम्रता पूर्वक ठुकरा दिया.
दोनों नेताओं ने जल्द ही व्यक्तिगत मुलाकात की बात कही. इस पर पीएम मोदी ने क्वाड की अगली बैठक के लिए डोनाल्ड ट्रंप को भारत यात्रा का न्योता दिया, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने स्वीकार करते हुए कहा कि वे भारत आने के लिए उत्सुक हैं.
इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच ऑपरेशन सिंदूर पर भी चर्चा हुई. पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, और यह कार्रवाई पूरी तरह नपा-तुला, सटीक और गैर भड़काऊ था. प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत पहले ही साफ कर चुका है कि पाकिस्तान की गोली का जवाब गोले से मिलेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को साफ तौर से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी, किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमरीका की तरफ से भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी.

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